Wednesday, February 15, 2012

तुमसे तो कोई गिला ही नहीं . ...

तुमसे तो कोई गिला ही नहीं .
तुमने तो मेरे सिवा प्यार
किसी और से किया ही नहीं
मैंने तो बहुत ढूंढा तुम्हे पर
मेरी किस्मत में तू मिला ही नहीं.

बिछड़ना तो दूर
मिलने का कोई सिलसिला ही नहीं
आगया पतझड़ मेरे जीस्त में
सावन तो मैंने जिया ही नहीं
मैंने तो बहुत ढूढा तुम्हे पर
मेरी किस्मत में तू मिला ही नहीं

वक्त की झील में तेरी यादे खो गई
पर मौजे ख्वाब में तेरे सिवा कोई
दिखा ही नहीं.
मैंने उस खुशबू को सूघ लिया
जो फूल कभी खिला ही नहीं
मैंने तो बहुत ढूढा तुम्हे पर
मेरी किस्मत में तू मिला ही नहीं

छीन लिया वो प्यार
जो कभी दिया ही नहीं
हमें मिली उस बात की सजा
जो काम हमने किया ही नहीं..;;:)
मैंने तो बहुत ढूढा तुम्हे पर
मेरी किस्मत में तू मिला ही नहीं

2 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति, बधाई.

    कृपया मेरे ब्लॉग meri kavitayen की नवीनतम पोस्ट पर भी पधारें, अपनी राय दें.

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